Saddam Hussain_ Why are you in discussion again with history, controversy and recent events?

Saddam Hussain

Saddam Hussain: इतिहास, विवाद और हालिया घटनाओं से क्यों फिर चर्चा में हैं?

Introduction--

अगर हम मध्य पूर्व की राजनीति,युद्ध और तानाशाही की बात करें तो Saddam Hussain नाम एक प्रतीक बन चुका है। 2006 में इनको  फांसी हो जाने के बावजूद भी ये फिर से चर्चा में हैं,क्योंकि हाल ही में इजराइल और ईरान के बीच के तनाव में इजराइल ने ईरान के नेता अयातुल्लाह खुमैनी को “Saddam Hussein”के जैसी नियति की चेतावनी दी है यही कारण है कि यह नाम फिर से चर्चा का विषय बना हुआ है।

Saddam Hussain Biography

.पूरा नाम_ इनका पूरा नाम सद्दाम हुसैन अब्द अल-मजीद अल-तिकरिती था। 

जन्म_इनका जन्म 28 अप्रैल 1937को तिकरित, इराक में हुआ था।

मृत्यु_इनकी मृत्यु 30 दिसंबर 2006 को (फांसी) देकर हुई थी ।

पद_ ये इराक के राष्ट्रपति (1979–2003) थे।

पार्टी_इनकी पार्टी का नाम बाथ पार्टी था।

Saddam Hussain का शासन और विवाद

तानाशाही शासन_

सद्दाम ने अपने सत्ता में आने के बाद विरोधियों को खत्म कर दिया और मीडिया को पूरी तरह से अपने  नियंत्रण में ले लिया

ईरान-इराक युद्ध (1980–1988)_

ईरान इराक का यह युद्ध 8 साल तक  चला, जिसमें लाखों जानें गईं। यह उनकी आक्रामक नीतियों का परिणाम था।

कुवैत पर आक्रमण (1990)_

इसने अमेरिका और अपने सहयोगी देशों को इराक के खिलाफ खड़ा कर दिया और गल्फ वॉर हुआ।

नरसंहार और मानवाधिकार हनन_

सद्दाम के ऊपर कुर्द और शिया मुस्लिमों पर अत्याचार करने और रासायनिक हथियारों का प्रयोग करने  जैसे गंभीर आरोप लगे थे।

हाल ही में Saddam hussein नाम क्यों चर्चा में है

17 जून 2025:
इज़राइल के रक्षा मंत्री इज़राइल कट्ज़ ने कहा!

अगर ईरान ने हमला जारी रखा, तो खुमैनी को सद्दाम हुसैन जैसी ही मौत मिलेगी।”

उनके इस बयान के बाद यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों ने उनके इतिहास,शासन और उनके अंत के बारे में जानना शुरू कर दिया।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं_

कई सोशल मीडिया यूज़र्स का कहना है कि सद्दाम को फांसी देने के बाद भी इराक की स्थिति सुधरी नहीं, उल्टा और बिगड़ी।कुछ लोगों ने इसे खतरनाक तुलना बताया, जो पूरे मिडल ईस्ट को जंग की ओर ढकेल सकती है।

Conclusion_

सद्दाम हुसैन अब भले दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका नाम अब भी राजनीतिक चेतावनी, इतिहास की सीख और तानाशाही के प्रतीक के रूप में जिंदा है। इज़राइल की हालिया टिप्पणी ने साबित कर दिया कि इतिहास का यह चेहरा आज भी दुनिया की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।

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