
Puri Rath Yatra 2025 की तारीख और समय
📅 मुख्य रथ यात्रा तिथि: 27 जून 2025 (शुक्रवार)
🕒 द्वितीया तिथि शुरू: 26 जून दोपहर 1:24 बजे
🕒 द्वितीया तिथि समाप्त: 27 जून सुबह 11:19
बजे
Puri Rath Yatra का इतिहास और महत्व
Puri Rath Yatra विश्व का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध chariot फेस्टिवल है। यह भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथ यात्रा के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए श्रीमंदिर से बाहर निकलते हैं और गुंडीचा मंदिर तक रथ पर यात्रा करते हैं।
रथ यात्रा का संदेश है — “ईश्वर सबके लिए समान हैं।” इस दौरान लाखों भक्त रथ की रस्सी खींचते हैं, जिसे पाप से मुक्ति और पुण्य का मार्ग माना जाता है।
Puri Rath Yatra 2025 का पूरा शेड्यूल
📅 तिथि | 🕉️ कार्यक्रम |
---|---|
11-12 जून | स्नाना पूर्णिमा (भगवान का विशेष स्नान) |
13-26 जून | अनवासर (भगवान विश्राम में, दर्शन नहीं) |
26 जून | गुंडीचा मार्जन (गुंडीचा मंदिर की सफाई) |
27 जून | मुख्य रथ यात्रा |
1 जुलाई | हेरा पांचमी (माता लक्ष्मी का गुंडीचा मंदिर आगमन) |
4 या 5 जुलाई | बहुदा यात्रा (वापसी यात्रा) |
5 या 6 जुलाई | सुनाबेसा (भगवान का स्वर्णाभूषण श्रृंगार) |
7 जुलाई | अधर पाना (विशेष पेय अर्पण) |
8 जुलाई | नीलाद्रि विजय (भगवान का श्रीमंदिर वापसी) |
रथों के नाम और विशेषता
भगवान | रथ का नाम | रथ का रंग | पहियों की संख्या |
---|---|---|---|
जगन्नाथ | नंदिघोष | लाल और पीला | 16 |
बलभद्र | तालध्वज | नीला और लाल | 14 |
सुभद्रा | दर्पदलन | लाल और काला | 12 |
रथ पूरी तरह लकड़ी से बनाए जाते हैं, जिनमें लोहे का उपयोग नहीं होता। हर वर्ष नए रथ बनाए जाते हैं।
मुख्य रस्में और परंपराएं
पाहंडी: भगवान को मंदिर से रथ तक लाने की भव्य परंपरा।
चेरा पाहरा: पुरी के गजपति राजा स्वर्ण झाड़ू से रथ की सफाई करते हैं।
मौसी मां मंदिर पर ठहराव: वापसी में भगवान रुकते हैं और ‘पोडा पिठा’ (एक खास मिठाई) ग्रहण करते हैं।
सुनाबेसा: भगवान को स्वर्ण आभूषणों से सजाया जाता है।
यात्रियों के लिए गाइड और जरूरी सूचना
👉 भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष ट्रैफिक प्लान।
👉 रेलवे द्वारा 365 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी।
👉 CCTV, ड्रोन और मोबाइल एप्लिकेशन से निगरानी।
👉 नजदीकी एयरपोर्ट: भुवनेश्वर (60 किमी)।
महत्वपूर्ण टिप्स
होटल और रहने की सुविधा पहले से बुक करें।
हल्के कपड़े, पानी, छाता और आरामदायक जूते साथ रखें।
भीड़ से बचने के लिए 2-3 दिन पहले पहुंचें।
Puri Rath Yatra का आध्यात्मिक महत्व
पुरी रथ यात्रा केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि भक्ति, प्रेम और समानता का प्रतीक है। मान्यता है कि रथ खींचने या रथ के दर्शन मात्र से जीवन के पाप कट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष
पुरी रथ यात्रा 2025 आस्था, परंपरा और संस्कृति का जीवंत उदाहरण है। अगर आप जीवन में कभी इस दिव्य आयोजन का हिस्सा नहीं बने हैं, तो 2025 आपके लिए एक सुनहरा अवसर है।